बिहार लेनिन, अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद का जन्म 2 फरवरी 1922 को बोध गया के समीप कुर्था प्रखण्ड के कुरहारी ग्राम में अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ था। निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा होने के कारण जगदेव जी की प्रवृत्ति शुरू से ही संघर्षशील तथा जुझारू रही तथा बचपन से ही वह विद्रोही स्वाभाव के थे। उन्होंने हमेशा वंचितों, शोषितों, पिछड़ों और गरीबों के हितों की बात की, समाज की समांतवादी व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाते हुए वह अनगिनत बार जेल गए, घायल हुए, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने क्रांतिकारी जज्बे को नहीं छोड़ा।
उनके विषय में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने कहा था, "जगदेव जी अनेक गुणों के सागर थे, वह नेता थे, लेखक थे, वक्ता थे और अपने दिल में आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था को जला डालने के लिए आग जलाए रखते थे।वह जानते थे कि वर्तमान व्यवस्था कायम रहती है तो दलितों और शोषितों का उद्धार नहीं हो सकता।"
युवा जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार ने ऐसे महान जननेता और शोषितों की आवाज को मुखर करने वाले महानायक को श्रद्धासुमन अर्पित किए।