"चौधरी महाराज सिंह भारती जी" का जन्म उ.प्र. के मेरठ जिले के अरनावली ग्राम में 01 नवम्बर 1918 को जाट परिवार में हुआ था । ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे । 1950 में भारती जी ने कांग्रेस छोड़ दी । 1952 में डा0 लोहिया की सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गये।
1957 में उ प्र से एम एल सी बने तथा 1967 में बैलगाड़ी एवं खटारा जीप से चुनाव प्रचार करके सांसद बने । 60 देशो की यात्रा अपने निजी धन रू 38000 व्यय पर की थी । वे रातो-दिन अर्जक संघ तथा शोषित समाज दल के प्रचार-प्रसार मे लगे रहते थे। अपनी वसीयत में लिखा कि "मेरे मरने के बाद जब संसद सदस्य मेरी शोक सभा करें तो "'मुझे स्वर्गीय विशेषण से सम्बोधित न करेंऔर नआत्मा की शान्ति' के लिए दो मिनट का मौन रखे।"
यदि वे ऐसा करते है तो मेरे सिद्धांतो की हत्या करेंगे क्योंकि मेरा ईश्वर एवं आत्मा, पुनर्जन्म में कभी विश्वास नहीं रहा । मेरा मानना हम कि स्वर्ग और नर्क की कल्पना पाखन्डियो ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए की है । "महामना भारती जी 14 सितम्बर 1995 में यशकायी हुए । अर्जक संघ चौधरी महाराज सिंह भारती की जयंती को "विज्ञान दिवस" के रुप में मनाता आ रहा है। चौधरी महाराज सिंह भारती और महामना रामस्वरूप वर्मा की जोड़ी "मार्क्स और एंगेल" जैसे वैचारिक मित्रों की जोड़ी थी जिन्होंने अर्जक संघ नामक संगठन का निर्माण किया, दोनों का अन्दाज बेबाक और फकीराना था। दोनों किसान परिवार के थे और दोनों के दिलों में गरीबी, अपमान अन्याय और शोषण की गहरी पीड़ा थी।
महाराज सिंह भारती ने सांसद के रूप में पूरे विश्व का भ्रमण कर दुनिया के किसानों और उनकी जीवन पद्धति का गहन अध्ययन किया और उन्होंने महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी। उनकी पुस्तक "सृष्टि और प्रलय", डार्विन की "आरजिन ऑफ स्पसीज" की टक्कर की सरल हिन्दी में लिखी गयी पुस्तक है जो आम आदमी को यह बताती है कि यह दुनिया कैसी बनी और यह भी बताती है कि इसे ईश्वर ने नहीं बनाया है बल्कि यह स्वतः कुदरती नियमों से बनी है और इसके विकास में मनुष्य के श्रम की अहम भूमिका है। उनकी "ईश्वर की खोज" और भारत का नियोजित दिवाला जैसी अनेक विचार परक पुस्तकें हैं जो अर्जक प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं।
अर्जक संघ द्वारा प्रकाशित भारतीजी का साहित्य 01.सृष्टि और प्रलय 02.ईश्वर की खोज 03.महान भारत के बौने नेता 04.समाजवाद, दर्शन और आचरण 05.आतंकवाद कारण और निवारण 06.पाप-पुण्य क्यों और कैसे? 07.सिद्धांतहीन राजनीति के दुष्परिणाम 08.भारत का नियोजित दिवाला 09.ब्राह्मणवाद की शव परीक्षा 10.कृषि क्रांति और किसान नेतृत्व 11.कमेरा हिंदुत्व बनाम लुटेरा हिंदुत्व 12.धर्म का धंधा 13.गन्ना चीनी समस्या और समाधान 14.हिंदू राजनीति 15.जाति तोड़ो समाज जोड़ो 16.नारी का उत्थान और पतन 17.जनतंत्र की हत्या 18.अर्जक संघ ही क्यों? 19.लोहिया और शोषित समाज दल 20.साम्यवाद और कम्युनिस्ट पार्टियां 21.विदेश नीति आदि है, जो हमेशा उनकी याद हमें दिलाता रहेगा। माननीय चौधरी महाराज सिंह भारती जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन।