वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुरुआत की गई थी, लेकिन आधिकारिक रूप से सबसे पहले 2008 में अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया गया। भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में देखा जाता है, जहां जनमत सर्वाधिक मायने रखता है। अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस विश्व के सभी लोगों, सरकार से मानवाधिकारों का सम्मान करने औऱ लोकतंत्र में सार्थक भागीदारी प्रदान करने का आग्रह करता है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस जनता को चिंता के मुद्दों पर शिक्षित करने, दुनिया भर में समस्याओं का समाधान करने के लिए राजनीति इच्छाशक्ति और संसाधान इकठ्ठा और मानवता उपलब्धियों को मजबूत करने हेतु मनाया जाता है। इस मौके पर सभी को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री श्री सर्वेश अंबेडकर ने कहा,
"जिसमें जनता अपने मत का प्रयोग कर प्रतिनिधि का चुनाव करती हैं। लोकतंत्र का सरल भाषा में मतलब 'जहां न कोई राजा' और 'न कोई गुलाम है' सभी एक समान है। प्रसिद्ध विचारक अब्राहम लिंकन ने कहा था लोकतंत्र का मतलब, लोकतंत्र जनता की सरकार है, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए। लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के उद्देश्य से हर साल 15 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है। दुःख है कि भारत का महान लोकतंत्र खतरे में है।"