बिहार सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के चार जिलों सीवान, बेगूसराय, नवादा और नालंदा में डोर टू डोर स्क्रीनिंग की व्यवस्था कराएगी. बता दें कि बिहार के इन्हीं हिलों में सबसे अधिक मरीजों की संख्या है, जिनमें 60 फ़ीसदी मरीज कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने से, 29 प्रतिशत लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री रही है और छह फीसदी लोगों के संक्रमण की जांच होनी बाकी है.
गौरतलब है कि बिहार के नालंदा जिले में बीते सोमवार कोरोना संक्रमण के नए 17 मामले प्रकाश में आने से प्रदेश में मामले बढ़कर 116 हो गए गए हैं और मृतकों की संख्या दो है. जिसके चलते बिहार सरकार अलर्ट होकर कार्य कर रही है और डोर टू डोर स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया गया है. इसके अंतर्गत सरकार घर घर पहुंचकर तीन सवाल पूछेगी. जैसे घर में बुजुर्ग सदस्य है या नहीं और है तो उसके स्वास्थ्य से जुडी कोई समस्या तो नहीं है, विगत 50 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय अथवा अन्तर्राज्यीय यात्रा कर चुका कोई व्यक्ति परिवार में या आस पास है और बुखार, सूखी खांसी अथवा सांस लेने में कोई परेशानी तो नहीं है. इन सभी सवालों के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
इस पूरी मुहिम में चार जिलों के आठ हजार गांव शामिल हैं और देश भर में यह प्रथम प्रयोग है, जिसके सफल रहने पर कोरोना को उसके प्रथम चरण में ही पहचान लिया जायेगा, साथ ही जिन लोगों के लिए रिस्क अधिक है, उनके स्वास्थ्य के लिए भी पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे.