एक सामान्य किसान परिवार में जन्में सरदार वल्लभ भाई पटेल का समस्त जीवन देश को एकजुट करने और आजाद भारत की संकल्पना के लिए समर्पित था. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा “सरदार” की उपाधि से नवाजे गए वल्लभ भाई पटेल पेशे से तो बैरिस्टर थे, किन्तु उन्होंने महात्मा गाँधी के विचारों से प्रेरित होकर देश की एकता और अखंडता के लिए स्वतंत्रता आन्दोलन में स्वयं को समर्पित कर दिया.
आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर हम सभी अदम्य साहस की मूर्त सरदार वल्लभ भाई पटेल को शत शत नमन करते हैं, देश के लिए उनके दिए गए योगदान के कारण ही आज का दिन “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 2018 में उन्हें श्रृद्धांजलि देने के लिए “स्टेचू ऑफ यूनिटी” का निर्माण भी किया गया, जो भारत की सबसे बड़ी स्टेचू के रूप में विश्व भर में विख्यात है. आदरणीय सरदार वल्लभ भाई पटेल हम सभी देशवासियों के लिए एक प्रेरणा हैं, उनके द्वारा स्थापित आदर्शों पर चलकर आज हम राजनीति को सर्वश्रेष्ठ आयामों तक लेकर जा सकते हैं क्योंकि उनकी नीति ही देश को एक धागे में पिरोकर रखने की थी.
देश की भौगोलिक व्यवस्था आज बिल्कुल ही अलग होती, यदि हमारे भू-राजनीतिक एकीकरण के सूत्रधार सरदार वल्लभभाई पटेल आज़ादी के बाद भारत की अलग थलग पड़ी 562 रियासतों को एकसूत्र में बांधने का कार्य नहीं करते. साथ ही देश के वंचित, शोषित, मजदूर और किसान वर्ग की आवाज बनकर उन्होंने देश की सामाजिक व्यवस्था को भी संभाले रखने में बड़ा योगदान दिया.
आज मैं समस्त जनता दल परिवार की ओर से देश की एकता और अखंडता के प्रणेता लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को भावपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूँ और सभी देशवासियों से निवेदन करता हूँ कि आप सभी ऐसे युगपुरुष के जीवन को उद्धरण के रूप में देखते हुए अपने देश के लिए संकल्पित भाव से आगे बढ़ें.