मौके पर संबोधित करते हुए जिप सदस्य विकास ने अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग डे के इतिहासों को बताते हुए कहा कि 12 मई 1820 में इसी दिन मॉडर्न नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली में हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को समाज और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नर्सों के योगदान को याद करने, इस प्रोफेशन को बढ़ावा देने और नर्सेस को सम्मान देने के मकसद से 1974 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस द्वारा इसे मनाने की घोषणा की गई।
उन्होंने कोरोना महामारी के समय नर्सिंग छात्रों की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उस दौर में मरीजों की देखभाल में नर्स की भूमिका अहम थी, जिसके कारण करोड़ों देशवासियों के जान को बचाया गया। उन्होंने कहा कि त्याग एवं समर्पण से भरा प्रोफेशन नर्सिंग है, उन्होंने नर्सिंग कर रहे छात्रों को भविष्य की शुभकामनाएं दी। साथ ही भविष्य में ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने की सलाह दी। इस अवसर पर शिक्षक संतोष राम, शिक्षक संतोष बिन्द, अश्वनी कुमार, अवधेश कुमार, पूजा कुमारी, रविता कुमारी, रोशनी कुमारी सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं मौजूद थे।