भभुआ जिला परिषद् विकास सिंह जी ने बताया कि भभुआ प्रखंड के महुअत पांचयत के दुबौली गाँव मे महानवमी के अवसर पर भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे वे प्रसाद ग्रहण करने के लिए पहुँचे.
घर में जब भी कोई शुभ काम होता है तो लोग अक्सर उस शुभ काम के बाद भंडारा आयोजित करते हैं। ठीक ऐसे ही मंदिर या गुरुद्वारे में भी भंडारे का आयोजन किया जाता है। वहीं, नवरात्रि के दौरान भी भंडारा किया जाता है। धर्म-शास्त्रों में भंडारे को बहुत जरूरी माना गया है।
शास्त्रों में कहा गया है कि भंडारे के बिना शुभ काम के लिए की गई पूजा कभी सफल नहीं होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उन लोगों को भोजन मिलता है जो प्रतिदिन अन्न की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं। भोजन खिलाकर व्यक्ति को पुण्य और भोजन करने वाले का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, भंडारा कराने से घर में सकारात्मकता का वास स्थापित होता है। सुख, शांति, समृद्धि , संपन्नता आदि घर में आती है।