“मृत्यु यथार्थ है सबको एक दिन आनी ही है
यह जानते हुए भी अपनों की
मौत पर आंखें नम हो जाती हैं.”
कहते है न कि किसी की मृत्यु होने पर जो दुःख होता है उसे कम नहीं किया सकता है. दुःख एक गहन अनुभूति है जो हम गहरे दुःख में महसूस करते हैं जैसे किसी को खोने की स्थिति में. कोई भी किसी प्रियजन को खोना नहीं चाहता है, जिसके परिणामस्वरूप भावना एक को अलग कर सकती है और यह हर व्यक्ति के लिए कठिन है. कोई शब्द दर्द को दूर नहीं कर सकता लेकिन कुछ हद तक मन को सहानुभति जरुर देते हैं.
192-क़ायमगंज विधानसभा उप्र के पूर्व राज्यमंत्री व सपा के प्रदेश सचिव सर्वेश अम्बेडकर जी ने बताया कि
कन्नौज - पैतृक गांव काजीपुरवा में रह रहे छोटे भाई अनिल की पत्नी का परसों निधन हो गया था. कल उनका अंतिम संस्कार किया गया. दुख की घड़ी में बड़ी संख्या में रिश्तेदार, शुभचिंतक, मित्र एवम समाजवादी पार्टी के नेता गणों ने शिरकत कर मेरे परिवार को शोक संवेदनाएं व्यक्त कर मानसिक संबल प्रदान किया.
सभी का ह्रदय से आभार
नमस्कार, मैं सर्वेश अम्बेडकर आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.