पूर्व राज्यमंत्री व सपा प्रदेश सचिव सर्वेश जी ने बताया कि फर्रुखाबाद - समाजवादी पार्टी जिला कार्यालय पर मान्यवर कांशीराम साहेब जी का परिनिर्वाण दिवस अगाध श्रद्धा के साथ मनाया गया। जहां पार्टी के प्रभारी गण जनाब इरफान उल हक़ कादरी साहब, छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनीत कुशवाहा, जिला अध्यक्ष चंद्रपाल यादव जी के साथ पुष्प अर्पित कर उनके जीवन संघर्ष पर विचार व्यक्त किए।
कांशीराम आंदोलन के जरिए दलित चेतना को उभारने में सफल रहे. उन्होंने सहयोग और क्रांति को नजरअंदाज करते हुए तीसरा रास्ता अपनाया. बामसेफ का गठन कर उन्होंने रणनीतिक कौशल और संगठनात्मक शक्ति का प्रदर्शन किया. कांशीराम ने बामसेफ से देशभर में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को जोड़ा बामसेफ का इस्तेमाल दलित शोषित समाज संघर्ष समिति यानी डीएस-4 बनाने में किया गया. उन्होंने आक्रामक तरीके से दलितों, निचले तबकों और मुसलमानों में पैठ बनाई.
आर्थिक रूप से शोषित और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों का व्यापक जनसमर्थन प्राप्त होने के बाद कांशीराम ने भीमराव अंबेडकर के नारे को अपनाया. उन्होंने कहा कि राजनैतिक सत्ता सभी समस्याओं की मास्टर चाबी है. उन्होंने समतामूलक समाज तैयार करने और बहुजन समाज को हुक्मरान बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। 15 बनाम 85 का उनका फॉर्मूला सदा सदा के लिए वंचित समाज को आबादी के अनुसार भागीदारी के लिए प्रेरित करता रहेगा।
उन्होंने सत्ता संघर्ष के लिए दलितों पिछड़ों को तैयार करने के लिए नारा दिया:
“जिसकी जितनी संख्या भारी,
उसकी उतनी भागीदारी”
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