मंगोलिया में 14 जून, 2022 को बुद्ध पूर्णिमा है। सो वहाँ की सरकार ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष को दर्शन करने के लिए उलानबटार शहर में भेजे जाने का भारत से निवेदन किया था। भारत सरकार ने मंगोलिया सरकार के निवेदन को स्वीकार कर आज भगवान बुद्ध के अवशेष उलानबटार भेज दिए।
सम्मानित मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल मंगोलिया के लिए रवाना हो गया है। भगवान बुद्ध के अवशेष विशेष हवाई जहाज से भेजा गया है। अवशेष को बुलेटप्रूफ बॉक्स में रखा गया है। भगवान बुद्ध के जिस अवशेष को भेजा गया है, उसे पिपरहवा अवशेष कहा जाता है। यह उ. प्र. के सिद्धार्थ नगर के पिपरहवा से मिला था और इसे नेशनल म्यूजियम, नई दिल्ली में सुरक्षित किया गया है।
एक विशेष दल पहले ही उलानबटार पहुँच चुका है। वह जाँच करेगा कि नेशनल म्यूजियम का वातावरण वहाँ भी मिलना चाहिए ताकि अवशेष पर कोई नकरात्मक प्रभाव न पड़े। पिपरहवा अवशेष को मंगोलिया सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है। वहाँ इसे गंदन मठ के बटसागान मंदिर में रखा जाएगा।
गंदन मठ के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य ने कहा है कि बौद्ध धम्म को हमारे पूर्वजों ने दो हजार साल पहले अपनाया था। मंगोलिया के इतिहास की यह दुर्लभ घटना है कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष के दर्शन देश में ही हो जाएंगे। पिपरहवा अवशेष को एएसआई ने एए केटेगरी का दर्जा दिया है। इसे सामान्य परिस्थितियों में देश के बाहर नहीं भेजा जा सकता है। कारण कि यह बहुत दुर्लभ और नाजुक अवशेष है।
इसके पहले पिपरहवा अवशेष को 2012 में श्रीलंका भेजा गया था। फिर कहीं नहीं। अब यह मंगोलिया गया है, जहाँ 11 दिनों तक रहेगा और फिर भारत लौट आएगा।
धन्य भारत धन्य बुद्ध!
साभार- भाई राजेन्द्र प्रसाद सिंह