हाथरस थाना चंदपा के पास दलित बेटी के गैंगरेप हत्या के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन पर पुलिस के संरक्षण में आरोपी के सजातीय लोगों द्वारा लाठी डंडों से हमला किया गया, अवैध असलहों से फायरिंग की गई और पथराव किया गया। यहां तक कि समाजवादी प्रतिनिधि मंडल को भी मृतका के घर जाने से रोका गया, जिससे दर्जनों प्रदर्शन कारी घायल हुए, गाड़ियों के शीशे टूट गए। पुलिस कस्टडी में भरी बस पर भी गुंडो द्वारा पथराव किया गया, जिससे बस के शीशे व प्रदर्शनकारियों के सिर फुट गए। पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज किया गया और प्रशासन ने प्रतिनिधि मंडल को गिरफ्तार कर बस में भर कर जनपद की सीमा के बाहर छोड़ दिया। इस पर दुख व्यक्त करते हुए सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित जाति, जनजाति प्रकोष्ठ) सर्वेश अंबेडकर ने इस घटना को लोकतंत्र की जमकर धज्जियाँ उड़ना और संवैधानिक अधिकारों की हत्या करार देते हुए मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि,
"हाथरस मामले में योगी-मोदी सरकार ने लोकतंत्र की मर्यादाओं की हत्या कर दी है। जब कहीं भी किसी परिवार में कोई दुखद प्रसंग होता है तो उसके नाते-रिश्तेदार और समाज के लोग उन्हें सांत्वना देने जरूर पहुंचते हैं। आज हम भी इसी नाते यहां अपनी बहन के परिवार को सांत्वना देने आए थे लेकिन यहां स्थानीय प्रशासन ने जिस तरह हम सभी प्रतिनिधि मंडल को जबरन रोका, उसके लिए हम ऐसी सरकार की कठोर निंदा करते हैं और अपने कार्यकर्ताओं से मांग करते हैं कि वें बहादुरी से पुलिस बल का सामना करें, घबराएँ नहीं।"