लखनऊ के समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ कैम्प कार्यालय दारुलशफा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित जाति, जनजाति प्रकोष्ठ) समाजवादी पार्टी सर्वेश अंबेडकर के नेतृत्व में सामाजिक परिवर्तन के महानायक मान्यवर कांशीराम जी का 14वां परिनिर्वाण दिवस पुष्प अर्पित कर मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आदरणीय केके गौतम जी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त सुजीत गौतम, चंद्रभूषण यादव, डॉ वीरेंद्र सहगल, राजबर्धन जाटव, इंजी. वीरेंद्र कुमार, जितेंद्र रावत, पवन सरोज, मुकेश रावत एवं अन्य कई समाजवादी साथियों ने मौजूद रहकर मान्यवर कांशीराम जी को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों के सामने अपने विचार व्यक्त करते हुए सर्वेश अंबेडकर ने कहा कि,
"आज देशप्रदेश में माननीय कांशीराम जी का 14वां परिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है और जगह जगह उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की जा रही है। मान्यवर कांशीराम जी एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने गूंगे-बहरे, अक्षय, शोषित जनों की आवाज बनने का कार्य किया और जो लोग काभी प्रधान बनने तक का स्वप्न नहीं देखते थे, उन्होंने उन लोगों को प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार किया। इसलिए आज भी उस समाजवादी महानायक को याद किया जाता है। माननीय कांशीराम जी कहा करते थे कि संविधान में सभी को बराबरी का दर्ज है, इसलिए सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी के लिए उन्होंने नारा दिया था "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी"। आज भले ही वह हमारे मध्य नहीं हैं लेकिन हमें इस बात पर गर्व है कि उनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय राजनीति के परिद्रश्य में अकेले ऐसे नेता हैं, जो कहते हैं कि जब इस देश में घोड़ों, गधों, कुत्तों, बिल्लियों आदि की गिनती हो सकती है तो हम दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और अल्पसंख्यकों की गिनती भी की जानी चाहिए और उन्हें जनसंख्या के अनुपात में देश के सभी संस्थानों में नियुक्ति मिलनी चाहिए। इससे यह देश एक बार फिर सोने की चिड़िया बन जाएगा और भाईचारा व सामाजिक सौहार्द आवाम के बीच आएगा।"