प्रति वर्ष 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस समस्त भारतवर्ष में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक भारत के निर्माता माने जाने वाले स्वामी विवेकानंद को सम्मान देने हेतु मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1985 से की गई थी।
युवाओं की प्रेरणा स्वरूप स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत और आदर्श आज भी युवाओं को आगे बढ़ने का प्रोत्साहन देते हैं। स्वामी विवेकानंद का दर्शन भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी अपना एक खास प्रभाव रखता है। उनका मानना था कि युवा किसी भी देश का भविष्य होते हैं और देश की प्रगति की बागडोर उनके हाथों में होती है, इसलिए युवा वर्ग को अपने आदर्शों पर कार्य करना चाहिए और अपने अंतर्मन को अच्छे विचारों से परिपूरित कर मजबूत बनाना चाहिए।
12 जनवरी, 1863 में कोलकाता में जन्में स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी विचारों ने पराधीन भारत में युवाओं को जागृत किया और उनमें नव ऊर्जा का संचार किया। "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए", ऐसे प्रेरणादायक दर्शन को देने वाले स्वामी विवेकानंद न केवल एक महान दार्शनिक व विचारक थे अपितु उन्होंने समाज-सुधार की दिशा में भी अग्रणीय योगदान दिया, जिसे आज भी भारत का जन जन याद रखे हुए है।