वर्ष 1992 में पहली बार वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को मनाने की शुरुआत की थी. वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ 150 से भी अधिक सदस्य देशों वाला एक ग्लोबल मानसिक स्वास्थ्य संगठन है. औपचारिक रूप से एक विशेष थीम के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 1994 में तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव के आधार पर मनाना आरंभ किया गया.
इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य कारण दुनिया भर में लगातार बढ़ रहे मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन, स्ट्रेस आदि रहे, जिनके कारण ग्लोबल सुसाइड ग्राफ भी काफी बढ़ता जा रहा है. यदि हम खुद भी अपने आस पास देखंगे तो पाएंगे कि बहुत सी नामी-गिरामी हस्तियां भी आज तनाव और अवसाद के चलते सुसाइड को गले लगा रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों से तो इस तरह की घटनाएं बहुत अधिक देखने में आई हैं. इन्हीं हालातों पर काबू पाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक दिवस के रूप में मनाना तय किया.
दरअसल आजकल के आपाधापी भरे जीवन में ऐसा कोई नहीं जिसे तनाव, डिप्रेशन आदि से नहीं जूझना पड़ता हो, किंतु जब यह एक बीमारी का रूप लेकर आपको जकड लें और हर समय आपने दिमाग में नेगेटिव ख्याल आने लगें, तो निश्चय ही यह खतरे का संकेत होता है. भारत में आज भी मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता बेहद कम है, यदि हम अपने रूरल क्षेत्रों की ओर देखें तो वहां मानसिक बीमारियों को आज भी भूत-प्रेत से जोड़ कर देखा जाता है, जो वास्तव में एक विकसित होते राष्ट्र की लचर सामाजिक व्यवस्था दर्शाता है. एक बड़ी जनसंख्या वाले देश में आज भी दस लाख की आबादी पर मात्र तीन मनोचिकित्सकों का होना दर्शाता है कि यहां के हालात क्या हैं? हालांकि इसके लिए अप्रैल, 2017 में मानसिक स्वास्थ्य संरक्षण कानून भी पारित हो चुका है, लेकिन फिर भी देश में स्थितियां नहीं सुधर पायी हैं.
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के जरिये इसी प्रकार की खामियों और भ्रांतियों को दूर करने और मानसिक रोग झेल रहे मरीजों के प्रति बिना किसी पूर्वाग्रह के सही समय पर ईलाज होने पर जोर दिया जाता है. इस दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन विश्व भर में स्वास्थ्य और नागरिक समाज संगठनों के उच्च विभागों के साथ तालमेल बैठा कर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ें अहम मुद्दों के लिए जागरूकता बढ़ाने सम्बन्धी कार्यों में सहयोग करता है.