कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप निरंतर सामने आ रहा है। इसी के बाछ मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का भी कोरोना से निधन हो गया। 8 मई को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने 21 मई को अंतिम सांस ली। 94 वर्षीय सुंदर लाल बहुगुणा को चिपको आंदोलन का प्रणेता माना जाता है, उन्होंने जंगलों को बचाने के लिए सत्तर के दशक में चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी। टिहरी बांध के निर्माण के विरोध में उन्होंने 84 दिन का लंबा अनशन भी किया था, इसके लिए वह जेल भी गए।
सुंदरलाल बहुगुणा का निधन देशभर में प्रकृतिप्रेमियों सहित सभी को दुखी कर गया है। इसी कड़ी में युवा जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि,
"चिपको आंदोलन के प्रणेता एवं वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन अत्यंत दुखद है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उनके निधन से पर्यावरण के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।"