देशभर में धूमधाम से मनाया जाने वाला दशहरा भारतीय संस्कृति के असीम गौरव, वीरता और पराक्रम की पराकाष्ठा का प्रतीक है. आश्विन शुक्ल दशमी को आने वाला यह पर्व हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रों के दसवें दिन आने वाले इस पर्व को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध करके सृष्टि को दानवों के आतंक से मुक्त किया था.
इसके साथ साथ दशहरा पर्व के साथ बहुत सी पौराणिक कथाएँ भी जुडी हुयी हैं, इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने रावण का अंत करके माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया था. एक किवदंती के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने देवी दुर्गा से रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की थी और इसके लिए उन्होंने 108 कमल पुष्पों का प्रयोग किया था, जिनमें से एक कमल कम रह गया था. प्रार्थना के अंतिम समय पर जब भगवान राम को महसूस हुआ कि एक कमल कम रह गया है, तो उन्होंने अपने नेत्रों को ही काटना प्रारंभ कर दिया, क्योंकि भगवान श्री राम के नेत्र भी कमल समान होने के कारण उन्हें कमलनयन की उपाधि दी गयी है.
भगवान श्री राम के इस भक्तिभाव से प्रसन्न होकर देवी माता ने उन्हें युद्ध में विजय पाने का आशीष प्रदान किया. यह विजयदशमी का ही दिन था और तभी से इसे पर्व के रूप में भारत में मनाया जाता है. अत: मैं यही हार्दिक मनोकामना करता हूँ कि दशहरे का यह पावन त्यौहार आप सभी के जीवन में अपार खुशियाँ लायें. भगवान श्री राम का आशीर्वाद एवं मां दुर्गा का स्नेह आप सभी पर बना रहे. इन्हीं मनोकामनाओं के साथ आपको दशहरा के पवित्र, प्रेरणादायक त्यौहार की हार्दिक बधाइयाँ.
आपका
रिंकू सोनकर