"बुंदेले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी..!!"
अपने अद्भुत शौर्य और पराक्रम से भारतीय वसुंधरा को गौरान्वित करने वाली महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटिश: नमन। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अद्भुत वीरांगना, स्त्री शक्ति की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई ने अल्पायु में ही अपने शौर्य और असाधारण कौशल से अंग्रेजों की सेना से लोहा लिया था। उन्होंने अद्भुत वीरता का परिचय देते हुए अपने रहते अंग्रेजों को झांसी पर कब्जा नहीं करने दिया। देशभक्ति और बलिदान की प्रतीक 1857 की की क्रांति की महानायिका वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को देश सदैव स्मरण करता रहेगा और उनसे प्रेरणा लेता रहेगा।
नमस्कार, मैं रामलखन गौतम आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि बोल रहा हूँ. मैं क्षेत्र की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.