"हम भाजपा सरकार से पूछना चाहते हैं कि आप कहते थे कि पहले की सरकारों ने कश्मीरी पंडितों को उजाड़ा लेकिन जब से केंद्र में आप की सरकार है आप ने कश्मीरी पंडितों की सुध नहीं ली है। कश्मीरी पंडितों का शोषण किया। हम रिलीफ़ मांग रहे हैं, जवानों के लिए नौकरियां और सुरक्षा मांग कर रहे लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता।" यह कहना है शादी लाल पंडिता का, जो एक कश्मीरी विस्थापित हैं।
गौरतलब है कि यह सवाल लगातार उठते रहे हैं कि आखिर कश्मीरी पंडितों के राज्य छोड़ने के बाद उन्हें दोबारा बसाने के लिए क्या प्रयास हुए और आखिर क्यों पिछले 32 वर्षों में उन्हें दोबारा घाटी में बसाने में दिक्कतें आ रही हैं? लखनऊ से कॉंग्रेस नेता मेराज वली खान ने भी शादी लाल पंडिता के हवाले से कहा कि कश्मीर पंडितों की पीड़ा को लेकर बनाई गई फिल्म को दिखाने से कश्मीरी पंडितों को न्याय नहीं मिलेगा। आखिर तीन दशक से कश्मीरी पंडितों के नाम पर राजनीति कर रही भाजपा ने उनके लिए क्या किया है?