"द कश्मीर फाइल्स" के बाद से जिस प्रकार का नफरत भरा माहौल बनाने का प्रयास बीजेपी और उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है, उसे पूरी तरह गलत बताते हुए कॉंग्रेस नेता मेराज वली खान ने एक किस्सा साझा किया, जो सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि,
"डॉ राही मासूम रज़ा को बी आर चोपड़ा ने महाभारत टीवी सीरियल का स्क्रिप्ट लिखने को कहा तो, पहले तो राही मासूम रजा ने इनकार कर दिया था। पर दूसरे दिन यह खबर न्यूज़ पेपर में छप गयी। हज़ारों लोगों ने चोपड़ा को खत लिखा कि एक मुसलमान ही मिला है महाभारत लिखवाने के लिए। चोपड़ा ने सारे खत राही मासूम रजा के पास भेज दिये। सारे खत देखने के बाद राही मासूम रजा ने चोपड़ा से कहा कि अब मैं ही लिखूंगा महाभारत, क्योंकि मैं गंगा का पुत्र हूँ!
राही मासूम रजा ने जब टीवी सीरियल "महाभारत" लिखा तो उनके घर ख़तों के अंबार लग गए.... लोगों ने ख़ूब तारीफें की ख़ूब दुआऐं दी... इतने ख़त आए कि ख़तों के कई गट्ठर बन गए, लेकिन एक बहुत छोटा सा गट्ठर उनकी मेज़ के किनारे सब ख़तों से अलग पड़ा था....जब किसी ने वजह पूछी तो जवाब मिला कि ये वो ख़त हैं जिनमे मुझे गालियाँ लिखी गयी हैं... कुछ हिंदू इस बात से नाराज़ हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुसलमान होकर महाभारत लिखने की? और कुछ मुसलमान इसलिए नाराज हैं कि तुमने हिंदुओं की किताब को क्यूँ लिखा......?
लेकिन राही साहब का मानना था कि यही छोटी गड्डी दरअसल मुझे हौसला देती है कि मुल्क में बुरे लोग कितने कम हैं....! आज भी नफरत फ़ैलाने वालों की गड्डी हमारे प्यार मोहब्बत के बड़े गट्ठर से बहुत छोटी है।
लेकिन हमें नफ़रत फैलाने वाले लोगों को मोहब्बत के रास्ते पर लाने के लिए निडर होकर प्रयास करना चाहिए। कठिन है लेकिन असंभव नहीं।
अंत में जीत मोहब्बत और भाईचारे की ही होगी।
#WeAreIndiansFirst