जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के हटने और राज्य के दो टुकड़े कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से पूरी दुनिया में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मोदी सरकार की योजना क्या है। यह सवाल लगातार उठते रहे हैं कि आखिर कश्मीरी पंडितों के राज्य छोड़ने के बाद उन्हें दोबारा बसाने के लिए क्या प्रयास हुए और आखिर क्यों पिछले 32 वर्षों में उन्हें दोबारा घाटी में बसाने में दिक्कतें आ रही हैं? लखनऊ से कॉंग्रेस नेता मेराज वली खान ने इस मुद्दे पर कहा कि कश्मीर पंडितों की पीड़ा को लेकर बनाई गई फिल्म को दिखाने से कश्मीरी पंडितों को न्याय नहीं मिलेगा। तीन दशक से कश्मीरी पंडितों के नाम पर राजनीति कर रही भाजपा ने उनके लिए क्या किया है?
मेराज वली खान ने अहमदाबाद में रह रही कश्मीरी पंडित एके कौल के संदेश के माध्यम से बताया कि देश में हर जगह रह रहे कश्मीरी पंडितों ने सरकार से लगातार गुहार लगाई है कि उन्हें सहायता दी जाए, लेकिन उनके नाम पर मात्र राजनीति ही बीजेपी ने की है। एके कौल, जो गुजरात में रहते हैं उन्होंने गुजरात सरकार को अनेकों बार अपनी समस्या बताते हुए उनसे राज्य में जमीन की मांग या अन्य मदद के लिए कहा, लेकिन इसके बावजूद भी गुजरात सरकार ने कभी उनके लिए कुछ नहीं किया।