कहते हैं कि जब एक नारी सशक्त होती है, तो अपने साथ अनगिनत लोगों को भी मजबूत बनाने का दम-खम वह रखती है। महिला सशक्तिकरण की कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश कर रही हैं मंजू कुमारी, जो बिहार विधानसभा चुनावों में दो बार बरौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी रह चुकी हैं और बहुजन समाज पार्टी की एक मजबूत राजनेता हैं। वर्तमान में वह गोपालगंज प्रखंड के तिरबिरवा पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी के रूप में चुनावों में उतरी हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि जनता अपनी इस बेटी को सेवा का अवसर जरूर देगी। वह इस क्षेत्र से पंचायत चुनावों में उतरी पहली महिला प्रत्याशी हैं, जो अपने बलबूते राजनीति व समाज सेवा के लिए समर्पित हैं।
तिरबिरवा पंचायत को बिहार की नंबर वन पंचायत बनाने के लिए प्रयासरत मंजू कुमारी ने एक साक्षात्कार के माध्यम से बताया कि आज बिहार सरकार भी हर जगह बेटी को आगे बढ़ाने की बात कहती है और इसी कारण मैं भी बेटी बनकर तिरबिरवा पंचायत में आई हूं। यदि किसी की पत्नी बनती तो एक घर-परिवार की होकर रह जाती लेकिन अब गाँव की बेटी के रूप में आई हूं तो धर्म, जाति जैसे तमाम भेदभावों से दूर हटकर सभी का समान विकास करूंगी।
पत्रकार द्वारा "वोट महिला का और काम करेंगे पति" वाले स्लोगन के बारे में पूछने पर मंजू कुमारी ने बताया कि यह तो समाज का एक अति गंभीर विषय है, जिस पर शासन प्रशासन के साथ साथ जनता को भी ध्यान देना चाहिए। आज समाज में महिला आरक्षण के नाम पर केवल धोखाधड़ी हो रही है। हम सभी को ध्यान देना चाहिए कि सरकार महिला आरक्षण का प्रावधान रखे हुए है ताकि महिलाओं का विकास हो, उन्हें आगे बढ़ने के अवसर दिए जाए, गरीब महिलाओं की समस्याओं को एक आवाज मिल सके लेकिन होता इसका विपरीत है। महिला केवल नाम के लिए सरपंच या प्रधान है और उसके नाम पर उसके पति, ससुर, देवर या भाई आदि राजनीति संभाले हुए हैं तो महिला कहां हैं?
उन्होंने बताया कि यदि तिरबिरवा गाँव की जनता उन्हें मुखिया प्रत्याशी के तौर पर मौका देती है तो सबसे पहले वह क्षेत्र में भूमिविहीन लोगों को आवास दिलाने के क्षेत्र में कार्य करेंगी, 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाओं की नि:शुल्क व्यवस्था की जाएगी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया जाएगा।