जल है तो कल है, बिना जल के मानव जीवन का कोई औचित्य नहीं है। प्रकृति की इस सबसे कीमती नेमत जल के संरक्षण हेतु विश्व जल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नीर फाउंडेशन के "रजत की बूंद" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर एनएमसीजी के डीजी श्री राजीव रंजन मिश्रा उपस्थित रहे और इस कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड से "पाणि राखो आंदोलन" के प्रणेता श्री सच्चिदानंद भारती एवं दैनिक जागरण के संपादक श्री अरविन्द चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2001 में वर्षाजल संरक्षण की अलख जगाने वाले कर्म यौद्धा "रजत" की यादों को संजोते के क्रम में नीर फाउंडेशन "रजत की बूंद" कार्यक्रम का आयोजन कर जल संरक्षण व संवर्धन के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्म योद्धाओं को सम्मान देता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नमामि गंगे के डाइरेक्टर जनरल श्री राजीव रंजन मिश्रा के द्वारा श्री रमनकांत त्यागी को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर एनएमसीजी कार्यालय, नई दिल्ली में नदियों की पुनर्स्थापना के लिए गठित तकनीकी समिति के साथ देश की छोटी नदियों के सुधार के लिए विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही रमनकांत त्यागी ने छोटी नदियों की पुनर्स्थापना की विस्तृत जानकारी भी श्री राजीव रंजन मिश्रा को सौंपी।
नमामि गंगे से श्री अशोक कुमार, श्री नजीब जी व उनकी टीम के सदस्यों के अतिरिक्त 'रजत' के सहयोगी अनुज, सोनू, शुभम, मनोज, गौरव व राजीव भी इस शुभ अवसर के साक्षी बने। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए रमनकांत त्यागी ने 'रजत' को नमन करते हुए दोनों पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं प्रेषित की। मौजूद सभी मान्यगणों द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के डीजी श्री राजीव रंजन मिश्रा के साथ जल शपथ भी ली गई।